गाँव में बेवजह मुनादी
पिटवादी
बेटा जवान हुआ नहीं शादी करवा दी .
अब जाम कहाँ नसीब लबों को
मैखाना जो खुला , आज हटवा दी.
ये जम्हूरियत है या शैतानों की चाल,
गरीबों का पैसा था,अमीरों में बंटवा दी.
न कायदे का डर है,ना हाकिम का खौफ़
सड़क की गाड़ी फुटपाथ पर चलवा दी.
अपने मौज में कमी नहीं नेताओं की,
गरीब के हाथ से रोटी भी छिनवा दी.
ये मुक़दमा कब तलक चलेगा ‘अनुरागी’
फैसला जो आज आना था फिर टलवा दी.
बेटा जवान हुआ नहीं शादी करवा दी .
अब जाम कहाँ नसीब लबों को
मैखाना जो खुला , आज हटवा दी.
ये जम्हूरियत है या शैतानों की चाल,
गरीबों का पैसा था,अमीरों में बंटवा दी.
न कायदे का डर है,ना हाकिम का खौफ़
सड़क की गाड़ी फुटपाथ पर चलवा दी.
अपने मौज में कमी नहीं नेताओं की,
गरीब के हाथ से रोटी भी छिनवा दी.
ये मुक़दमा कब तलक चलेगा ‘अनुरागी’
फैसला जो आज आना था फिर टलवा दी.
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