राह में यूँ काँटा बिछाया ना करो.
दूर रहकर मुझे सताया ना करो
हक़ है मुझे करीब रहने का,
महफ़िल में ऐसे पराया ना करो .
खता क्या है बताओ तो सही,
बेक़सूर हूँ फंसाया ना करो.
जिंदगी के लम्हे कीमती हैं बहुत,
दर्देगम में इसे जाया ना करो .
खुशियों को दामन में समेत लो सारे,
आंसुओं में इन्हें बहाया ना करो.
bahut badiya..
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
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