प्रजातंत्र के युग में ,आ गयी है मौज,
भ्रष्टाचार दलाली में,लगी लुटेरों की फ़ौज.
लगी लुटेरों की फ़ौज,लोकतंत्र हुआ बदनाम,
महंगाई के बोझ से, बढ़े राशन के दाम ,
देख कवि 'अनुरागी',सत्ता का अद्भुत मंत्र,
नेता अफसर मौज में,बीमार हुआ प्रजातंत्र,
भारत के लोकतंत्र में ,भ्रष्टाचारी हैं मालामाल,
घोटालों के इस दौर में, जनता है बेहाल.
जनता है बेहाल, ऐसा क्यूँ सोचा भाई ,
हमें सुला फुटपाथ पर, खुद चाट रहे मलाई .
सोचे कवि 'अनुरागी', कैसे हैं ये गोरख धंधे,
पब्लिक चिल्लाये सड़कों पर,नेता हो गए अंधे,
राजनीति के घाट पर,लगी सरकार को ठंड,
सुप्रीम कोर्ट ने है दिया , टूजी घोटाले का दंड .
टूजी घोटाले का दंड , चिदंबरम भी थर्राये,
कपिल, सोनिया, दिग्विजय ,अब कैसे गुर्राएँ.
कहे कवि 'अनुरागी, मत पनपाओ दरिद्रता,
देशहित की बातें सोचो,लोकतंत्र में लाओ भद्रता .
भ्रष्टाचार दलाली में,लगी लुटेरों की फ़ौज.
लगी लुटेरों की फ़ौज,लोकतंत्र हुआ बदनाम,
महंगाई के बोझ से, बढ़े राशन के दाम ,
देख कवि 'अनुरागी',सत्ता का अद्भुत मंत्र,
नेता अफसर मौज में,बीमार हुआ प्रजातंत्र,
भारत के लोकतंत्र में ,भ्रष्टाचारी हैं मालामाल,
घोटालों के इस दौर में, जनता है बेहाल.
जनता है बेहाल, ऐसा क्यूँ सोचा भाई ,
हमें सुला फुटपाथ पर, खुद चाट रहे मलाई .
सोचे कवि 'अनुरागी', कैसे हैं ये गोरख धंधे,
पब्लिक चिल्लाये सड़कों पर,नेता हो गए अंधे,
राजनीति के घाट पर,लगी सरकार को ठंड,
सुप्रीम कोर्ट ने है दिया , टूजी घोटाले का दंड .
टूजी घोटाले का दंड , चिदंबरम भी थर्राये,
कपिल, सोनिया, दिग्विजय ,अब कैसे गुर्राएँ.
कहे कवि 'अनुरागी, मत पनपाओ दरिद्रता,
देशहित की बातें सोचो,लोकतंत्र में लाओ भद्रता .
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें