शनिवार, 9 मार्च 2013

बसंत आया


             

डाल-डाल पर,शाख-शाख पर
नव पल्लवित पत्रों में
हरीतिमा लाया ,बसंत आया.
             मिटी उदासी,खिली खुशियाँ
             दूर देश से प्रियतम का,
             संदेशा लाया,बसंत आया.
गई ठिठुरती रातें,बिखरी उमस की सुबह
हर मन के अंतर्मन में
उमंगों की फुहार लाया,बसंत आया.
               आंगन-आंगन में,द्वार-द्वार पर
               सतरंगी इन्द्रधनुषों का
               बहार लाया ,बसंत आया.
कण-कण में ,जीव-जीव पर
नव यौवन का
संचार लाया ,बसंत आया.
                

1 टिप्पणी:

  1. बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी.बेह्तरीन अभिव्यक्ति !शुभकामनायें.

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