मंगलवार, 25 अक्तूबर 2011

गाँव में बेवजह मुनादी पिटवा दी


              
गाँव  में  बेवजह   मुनादी  पिटवादी
बेटा जवान हुआ नहीं शादी करवा दी .

अब  जाम  कहाँ  नसीब  लबों को
मैखाना  जो खुला , आज हटवा दी.

ये जम्हूरियत है या शैतानों की चाल,
गरीबों का पैसा था,अमीरों में बंटवा दी.

न कायदे का डर है,ना हाकिम का खौफ़
सड़क की गाड़ी फुटपाथ पर चलवा दी.

अपने मौज में कमी नहीं नेताओं की,
गरीब के हाथ से रोटी भी छिनवा दी.

ये मुक़दमा कब तलक चलेगा ‘अनुरागी’
फैसला जो आज आना था फिर टलवा दी.              

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