द्रुत विकास के झूठे नारों से, दुर्गति देश की कर बैठे .
भ्रष्टाचार की बहती आंधी में, झोला अपना भर बैठे.
केजरी बहकाए जनता को, पर ना सुधरेंगे हम कभी,
भ्रष्टाचार विरोधी अन्दोलनों से,भले थोड़ा सा हम डर बैठे.
भ्रष्ट तंत्र की ताकत को, दुनिया देख रही भारत में,
सच को झूठ बनाकर,राजा,कलमाड़ी को बाहर कर बैठे.
हमारे ठाठ में न रहे कमी,रहना सदा हमारे झांसे में,
डर हमको केवल इतना है,वोटर हमारे मुकर ना बैठे.
जनता के पैसे की लूट मचाने,हम जमें हैं सत्ता में,
हम लुटेरों के वंशज हैं,ये सच अब बयां हम कर बैठे .
हमारे ठाठ में न रहे कमी,रहना सदा हमारे झांसे में,
जवाब देंहटाएंडर हमको केवल इतना है,वोटर हमारे मुकर ना बैठे.waah bahut khub